सूरज भी पलट आया सरकार की मर्जी़ से,
पेड़ों ने किया सज्दा सरकार की मर्जी़ से.
सरकार के कु़दरत के मुनकिर को बता दो ये
का’बा है बना क़िब्ला सरकार की मर्जी़ से
बु-जहल के मुठ्ठी में बु-जहल को ठुकरा कर
कंकर ने पढ़ा कलमा सरकार की मर्जी़ से
महबूब की हर मर्जी़ अल्लाह की मर्जी़ है
चलती है हंसी दुनियाॅं सरकार की मर्जी़ से
ये ज़िक्रे-रजा़ नज्दी तु रोक नहीं सकता
है रज़वी धमक वल्लाह सरकार की मर्जी़ से
ना’त-ख़्वां:
हज़रत अहमदुल फत्ताह फैज़ाबादी