खु़दा के फज़्ल की तहरीर मेरे आ़ला ह़ज़रत हैं,
नबी के इ़श्क़ की तस्वीर मेरे आ़ला ह़ज़रत हैं.
जो ज़र्वे-हैदरी हैं बद-अकी़दो के लिएं वल्लाह
अ़ली के हाथ की शमशीर मेरे आ़ला ह़ज़रत हैं
हक़ीक़त में ये उर्से-रज़वी उर्से-का़दरी ही हैं
जनाबे-गौ़स की तनवीर मेरे आ़ला ह़ज़रत हैं
क़लम उनका जनाबे-बू-ह़नीफा की करामत है
उन्हीं के इ़ल्म की तस्वीर मेरे आ़ला ह़ज़रत हैं
ना’त-ख़्वां:
हज़रत मोहम्मद अली फैज़ी